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  1. दर्शनशास्त्र (अंग्रेज़ी-philosophy, यूनानी- φιλοσοφία, अर्थात् "प्रज्ञान ...

  2. तत्त्वमीमांसा या पराभौतिकी ( अंग्रेज़ी - metaphysics) दर्शनशास्त्र की वह शाखा है,जो वास्तविकता के सिद्धांत एवं यथार्थ व स्वत्व/सत्ता की मूलभुत-मौलिक प्रकृति, अस्तित्व, अस्मिता, परिवर्तन, दिक् और समय, कार्य-कारणता ,अनिवार्यता तथा संभावना के प्रथम (आद्य) सिद्धांतों (मूलनियम) का अध्ययन करती है। [1] इसमें चेतना की प्रकृति और मन और पुद्गल ( matter) क...

  3. यूरोपीय ज्ञानोदय. यूरोप में 1650 के दशक से लेकर 1780 के दशक तक की अवधि को प्रबोधन युग या ज्ञानोदय युग (Age of Enlightenment) कहते हैं। इस अवधि में पश्चिमी ...

  4. भारतीय दर्शन. भारत में ' दर्शन ' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का ज्ञान हो सके। 'तत्व दर्शन' या 'दर्शन' का अर्थ है तत्व का ...

  5. Nov 10, 2022 · (1). तत्व मीमांसा में प्रकृतिवाद- परमाणु को सत, अनश्वर एवं अविभाज्य मानते हैं. यह परमाणु आकार एवं मात्रा में भिन्न होते हैं. इन्हीं के सहयोग से ब्रह्मांड की रचना होती है. जो दृश्य है वह परमाणु के सहयोग का फल है. प्रकृतिवादियों के अनुसार मनुष्य- इंद्रियों एवं विभिन्न शक्तियों का समन्वित रूप है.

  6. Natural philosophy or philosophy of nature (from Latin philosophia naturalis) is the philosophical study of physics, that is, nature and the physical universe. It was dominant before the development of modern science.

  7. सुकरात. सुकरात ( युनानी - Σωκράτης ; 470-399 ईसा पूर्व ) एथेंस के एक प्राचीन यूनानी दार्शनिक थे , जिन्हें पाश्चात्य दर्शन के संस्थापक और पहले ...

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