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  1. भारत में संसदीय प्रणाली (Parliamentary System in India in Hindi) को कैबिनेट सरकार या कैबिनेट प्रणाली या जिम्मेदार सरकार के रूप में भी जाना जाता है।. इसे प्रधान मंत्री सरकार भी कहा जाता है जहां राजनीतिक प्रशासन का प्रमुख प्रधानमंत्री होता है।.

  2. Parliamentary System (संसदीय व्यवस्था) CONTENT: परिचय. संसदीय सरकार की विशेषताएं. संसदीय व्यवस्था के गुण. संसदीय व्यवस्था के दोष. परिचय – भारत का संविधान केंद्र और राज्य दोनों में सरकार के संसदीय स्वरूप की व्यवस्था करता है। अनुच्छेद 74 और 75 केंद्र में संसदीय व्यवस्था का उपबंध करते हैं और अनुच्छेद 163 और 164 राज्यों में।.

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    • शासन के कितने रूप हैं?
    • संसदीय व्यवस्था है क्या?
    • संसदीय व्यवस्था की खामी
    • संसदीय और अध्यक्षीय प्रणाली में अंतर

    सरकार, एक ऐसी संस्था जिसके पास मूलभूत रूप से समाज पर शासन करने का प्राधिकार होता है; सैद्धांतिक रूप से भी और व्यवहारिक रूप से भी। शासनके कई प्रकार होते हैं जैसे कि, (1) राजतंत्र (Monarchy) –यानी कि जहां एक राजा या तानाशाह का शासन होता है। (2) अल्पतन्त्र (Oligarchy) –यानी कि जहां कुछ मुट्ठी भर कुलीन वर्ग या आभिजात्य वर्ग का शासन होता है। (3) धर्मतंत...

    संसदीय व्यवस्था, यानी कि एक ऐसी व्यवस्था जिसका केंद्र संसद हो। दूसरे शब्दों में कहें तो इस व्यवस्था में कार्यपालिका अपनी नीतियों एवं कार्यों के लिए विधायिका के प्रति उत्तरदायी होता है। इस व्यवस्था का आधार जनता है ➡ जनता संसद को चुनती है (खासतौर पर लोकसभा को तो प्रत्यक्ष रूप से चुनती है) ➡ वहाँ बहुमत प्राप्त दल अपना एक नेता चुनती हैं ➡ राष्ट्रपति उस...

    अस्थिर सरकार (Unstable government) – हमने ऊपर भी चर्चा किया है कि इस व्यवस्था में कोई ठीक नहीं होता है कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगा की नहीं। खासकर के अगर गठबंधन की सरकार हो तब तो ये कहना और भी मुश्किल है। नीतियों की निश्चितता का अभाव (Lack of certainty of policies) – अब चूंकि कार्यकाल की अनिश्चितता होती है, जल्दी-जल्दी सरकार बदलती है इसीलिए नी...

    कुल मिलाकर यही है संसदीय व्यवस्था (Parliamentary System), उम्मीद है समझ में आया होगा। नीचे अन्य जरूरी लेखों का लिंक है उसे भी जरूर पढ़ें।

  3. Nov 18, 2021 · लोकसभा: लोकसभा के पीठासीन अधिकारी को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में जाना जाता है।. वह लोकसभा के भंग होने के बाद भी अध्यक्ष बना रहता है, जब ...

  4. भारतीय संविधान के अनुसार भारत की संसद के तीन अंग हैं- 1.राष्ट्रपति, 2.लोकसभा व 3.राज्यसभा । हालांकि राष्ट्रपति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं होता है और न ही वह संसद में बैठता है लेकिन राष्ट्रपति, संसद का अभिन्न अंग है । ऐसा इसलिए है क्योंकि संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित कोई विधेयक तब तक अधिनियम नहीं बन सकता, जब तक राष्ट्रपति उसे अपनी स्वी...

  5. Powers of Parliament [संसद के कार्य व शक्तियां] UPSC - WonderHindi. इस लेख में हम संसद के कार्य एवं शक्तियां (Functions and Powers of Parliament) पर सरल और सहज चर्चा करेंगे, एवं इसके विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं को समझने का प्रयास करेंगे;

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