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  1. Sep 8, 2023 · मौलिक अधिकार (Fundamental Rights in Hindi)वे अधिकार हैं जो व्यक्तियों की भलाई के लिए आवश्यक हैं और उन्हें नैतिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से विकसित करने में भी मदद करते ...

    • समता/समानता का अधिकार
    • स्वतंत्रता का अधिकार
    • धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
    • सविधानिक उपचारों का अधिकार

    यह अधिकार जनता को हर क्षेत्र में समान बनाने का प्रयास करता है और समानता के विचारों को प्रेरित करता है।

    यह अधिकार भारतीय सविधान में इसलिए दिया गया है, ताकि जनता स्वतंत्र होकर अपने व्यक्तित्व का विकास कर सके, और जनता के विकास के माध्यम से देश का भी विकास हो।

    इन अधिकारो से यह तात्पर्य है की कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को मान सकता है, वह स्वतंत्र रूप से कोई भी धर्म मान सकता है, उसके ऊपर कोई भी पाबंदी नहीं लगाई जा सकती है, वेसे तो भारत धर्म निरपेक्ष राष्ट्रहै, मतलब भारत का कोई भी धर्म नहीं है, पर नागरिक कोई भी धर्म स्वतंत्र रूप से मान सकते है।

    आपको जितने भी मौलिक अधिकार ऊपर बताए गए है, उसमें से किसी भी मौलिक अधिकार का हननकिया जाता है अर्थात् यदि सरकार या कोई भी आपसे आपका मौलिक अधिकार छीनने की कोशिश करता है या छीन लेता है तो आप सीधे सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में जाकर अपील दायर कर सकते हैं। इस अधिकार में नागरिकों को उनके fundamental rights का संरक्षण प्राप्त है और इनके लिए हम सीधा सुप्रीम...

  2. May 21, 2021 · मौलिक अधिकार (नागरिकों और विदेशियों को प्राप्त अधिकार) (शत्रु देश के लोगों को छोड़कर) केवल नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकार, जो ...

  3. Mar 27, 2024 · मौलिक अधिकारों को लेकर लोगों द्वारा सबसे ज्यादा यही सवाल पुछा जाता है कि मौलिक अधिकार कितने होते है और भारत के 6 Fundamental Rights कौन से है ...

  4. Feb 15, 2024 · मूल अधिकार (Fundamental Rights in Hindi)- वे अधिकार है तो व्यक्ति के लिए मौलिक (सर्वागीण विकास के लिए आवश्यक ) होने के कारण संविधान द्वारा प्रदान किए जाते

  5. Vid. मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) – (Art.12 & 13) ️. समता का अधिकार (Right to Equality) (Art. 14 -18) ️. स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom) (Art. 19 – 22) ️. शोषण के विरुद्ध अधिकार (Right Against ...

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