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  1. रघुवीर सहाय (९ दिसम्बर १९२९ - ३० दिसम्बर १९९०) हिन्दी के साहित्यकार व पत्रकार थे।.

    • शिक्षा
    • कार्यक्षेत्र
    • रचना के विषय
    • शैली
    • मुहावरों का प्रयोग
    • कहानियों में संवाद योजना
    • वाक्य विन्यास
    • भाषा शैली
    • कवि या कथाकार
    • बाहरी कड़ियाँ

    रघुवीर सहाय 1951 में 'लखनऊ विश्वविद्यालय' से अंग्रेज़ी साहित्य में एम. ए. किया और साहित्य सृजन 1946 से प्रारम्भ किया। अंग्रेज़ी भाषा में शिक्षा प्राप्त करने पर भी उन्होंने अपना रचना संसार हिंदी भाषा में रचा। 'नवभारत टाइम्सके सहायक संपादक तथा 'दिनमान साप्ताहिक के संपादक रहे। पश्चात् स्वतंत्र लेखन में रत रहे। इन्होंने प्रचुर गद्य और पद्य लिखे हैं। रघ...

    रघुवीर सहाय दैनिक 'नवजीवन' में उपसंपादक और सांस्कृतिक संवाददाता रहे। 'प्रतीक' के सहायक संपादक, आकाशवाणी के समाचार विभाग में उपसंपादक, 'कल्पना' तथा आकाशवाणी, में विशेष संवाददाता रहे। 'नवभारत टाइम्स', दिल्ली में विशेष संवाददाता रहे। समाचार संपादक, 'दिनमान' में रहे। रघुवीर सहाय 'दिनमान' के प्रधान संपादक 1969 से 1982 तक रहे। उन्होंने 1982 से 1990तक स्व...

    सहाय ने अपनी कृतियों में उन मुद्दों, विषयों को छुआ जिन पर तब तक साहित्य जगत् में बहुत कम लिखा गया था। उन्होंने स्त्री विमर्श के बारे में लिखा, आम आदमी की पीडा ज़ाहिर की और 36 कविताओं के अपने संकलन की पुस्तक 'आत्महत्या के विरुद्ध' के जरिए द्वंद्व का चित्रण किया। सहाय एक बडे और लंबे समय तक याद रखे जाने वाले कवि हैं। उन्होंने साहित्य में अक्सर अजनबीयत...

    शब्द भण्डार की दृष्टि से रघुवीर सहाय का चिंतन, उनकी रचनायें और अभिव्यक्ति पक्ष कहानियों के माध्यम से सशक्त बनकर प्रकट हुआ है। कथाकार ने अपनी कहानियों के माध्यम से भाषा का पारम्परिक मोह त्यागकर सरल और बोलचाल की भाषा, जो आम आदमी के समीप होती है, का उपयोग अपनी कहानियों में बखूबी किया है। रघुवीर सहाय की कहानियां हमें यह संदेश देती है कि भाषा के विविध स...

    रघुवीर सहाय ने अपनी कहानियों में मुहावरों एवं कहावतोंका प्रयोग किया है। साहित्य में रोचकता एवं सौन्दर्य वृद्धि के लिये इनका बहुत ही महत्व है -

    रघुवीर सहाय की कहानियों में संवाद योजना सामान्य बातचीत एवं भाषा की सम्प्रेषणीयता के कारण यथार्थ का बोध कराती हैं। विजेता कहानी के एक उदाहरण द्वारा इसे समझा जा सकता है -

    रघुवीर सहाय ने अपनी कहानियों में वाक्य विन्यास के रूढ़ नियमों से अपने को दूर रखा। रघुवीर सहाय ने अपने वाक्य विन्यास के माध्यम से अपनी कहानियों को एक नया आयाम दिया। हालांकि उनकी कहानियाँ वैयक्तिक होने के कारण उन्हें पूर्णतया समझ पाना तो कठिन है किन्तु सामान्यतः कहा जा सकता है कि वे सभी प्रयोगों के लिये सभी प्रकार के वाक्यों के प्रयोग को योग्य मानते ...

    रघुवीर सहाय जी की भाषा को गद्य और पद्य में विभाजित करना एक दुष्कर कार्य है। वह परम्परागत रूप से अर्जित किये गये मानक गद्य को गद्य नहीं रहने देते और उनका पद्य-पद्य नहीं रह जाता। भाषा को अपने तरीके से तोड़ना शब्दों को नए अर्थ अनुषंगों से जोड़ना, वाक्य रचना में व्याकरण के मानकों की अवहेलना हर कहीं, उनकी हर विधा में देखी जा सकती है। कहानी के एक अनुच्छे...

    रघुवीर सहाय जी पहले कवि थे, बाद में कहानीकार इसलिए उनकी मूल संवेदना कवि की है। जिस प्रकार वह नितांत भिन्न प्रकार के कवि हैं, उसी प्रकार भिन्न प्रकार के कहानीकार भी थे। रघुवीर सहाय जी ने अपनी कहानियों में गद्य को जगह-जगह तोड़ा है और एक नए किस्म का गद्य लिखने की कोशिश की है। इसमें उनकी कहानी के गद्य की भाषा अधिक अभिव्यक्तिपूर्ण और सर्जनात्मक हो गई है...

  2. रघुवीर सहाय का परिचय. जन्म : 9 दिसंबर 1929 | लखनऊ, उत्तर प्रदेश. निधन : 30 दिसंबर 1990 | नई दिल्ली, दिल्ली. नई कविता के प्रखर स्वर रघुवीर सहाय का ...

  3. रघुवीर सहाय एक उदार, सहृदय और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे। वे कवि, कहानीकार, उपन्यासकार, पत्रकार, सभी थे किन्तु एक राजनीतिक कर्मी भी थे। इनका जीवन हलचलों से परिपूर्ण था । उनकी रचना पत्रकारिता और राजनीति एक दूसरे की पूरक हैं। किसी भी स्थिति में वे संवेदनशील और पूर्ण मानव होते हैं। जैसे कवि कहना चाहते हों कि "वहीं होओ जो कि तुम हो' अर्था...

  4. (English – Raghuvir Sahay)रघुवीर सहाय हिन्दी के साहित्यकार व पत्रकार थे।. इसके साथ ही वे एक प्रभावशाली कवि होने के साथ ही साथ कथाकार, निबंध लेखक और आलोचक थे।. रघुवीर सहाय ‘नवभारत टाइम्स’, दिल्ली में विशेष संवाददाता रहे।. ‘दिनमान’ पत्रिका के 1969 से 1982 तक प्रधान संपादक रहे।.

  5. आधुनिक हिंदी कविता के विख्यात कवि ‘रघुवीर सहाय’ का संपूर्ण जीवन परिचय – Raghuvir Sahay Ka Jivan Parichay. नीरज. Updated on. दिसम्बर 2, 2023. 1 minute read.

  6. May 31, 2023 · Raghuvir Sahay biography in Hindi, ka jivan Parichay, रघुवीर सहाय का जीवन परिचय, ki rachnaye, ki kavita, ki kahani, ke natak, ka janm kahan hua, ki mrityu kab Hui, ki Kavya bhasha, ka sahitya mein sthan, ki Kavya sanvedna, ki kavitayen, ke bare mein,

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